Chandrayaan 3 को सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के दिया गया है ये देश का तीसरा चंद्र मिशन Chandrayaan 3 के प्रक्षेपण करना शुरु हो गया है| Chandrayaan 3 को 14 जुलाई 2023 को,शुक्रवार केदिन 2 बजे 35 दोपहर में श्री हरिकोटा में स्थित केंद्र संश्थान से लांच किया गया है| इसके महत्वपूर्ण Chandrayaan 3 LVM3M4 रॉकेट शुक्रवार को लेकर में जा चूका है| इस रॉकेट का पूर्व नाम JSLVMK3 कहा जाता है | इसको लैंड करने की योजन अंतरिक्ष में वैज्ञानिको के द्वारा चंद्रयान-3 को अगस्त के अंत में सॉफ्ट लैंडिंग की योजना बनाई गई हैं|
Chandrayaan 3 को अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि Chandrayaan 3 कार्यकर्म के तहत इसरो अपने चंद्र माडल के मदद से चंद्र की सतह पर सॉफ्टवेर लैंडिंग और चंद्र में भूभाग पर रोवर के घुमने का प्रदर्शन करके नई सीमा पर का चूका है|chandrayaan 3 के मिशन में एक स्वदेशी प्रणोदन माडल, लैंडर माडल और एक रोवर को सामिल किया गया है |
Chandrayaan 3 (चंद्रयान 3)
चंद्रयान 3 को भारत किस स्पेस एजेंसी ISRO ने लांच किया है इसरो के चैरमैन एस. सोमनाथ और उनके इंजिनियर की मदद से ये chandrayaan 3 सफलता पूर्ण परिक्षण किया गया| चंद्रयान 3 को 11 जुलाई को सम्पूर्ण प्रक्षेपण तैयारी और होने वाली प्रक्रिया को देखने के लिए 24 घंटे से अधिक समय लग गया है और अगले ही दिन वैज्ञानिकों ने मिशन तैयारी से सम्बंधित प्रकिया पूरी की |
इसे आंध्र प्रदेश में स्थित श्री हरिकोटा से Chandrayaan 3 को 14 जुलाई 2023 को,शुक्रवार केदिन 2 बजे 35 दोपहर में श्री हरिकोटा में स्थित केंद्र संश्थान से लांच किया गया है| इसके महत्वपूर्ण Chandrayaan 3 LVM3M4 रॉकेट शुक्रवार को लेकर में जा चूका है|इस रॉकेट का पूर्व नाम JSLVMK3 कहा जाता है | इसको लैंड करने की योजन अंतरिक्ष में वैज्ञानिको के द्वारा चंद्रयान-3 को अगस्त के अंत में सॉफ्ट लैंडिंग की योजना बनाई गई हैं|
चंद्रयान 3 को हमारी पृथ्वी से चाँद तक की दूरी 3.84 लाख किमी की दूरी सफ़र करने में कुल 40 दिनों का समय तय किया गया हैं रॉकेट के लांच होने के बाद रॉकेट इस पृथ्वी कीबाहरी आर्बिट तक ले जाएगा. उस टाइम रॉकेट की स्पीड 36 किमी/घंटे की दूरी तय करेगा|
श्री हरिकोटा में चंद्रयान 3 के लांच के समय बहुत अधिक मात्रा में लोगो की भीड़ देकने को मिल रहा था जहाँ पर लोगो बहुत ही खुश थे कि गर्भ है कि हम इस देश में रहने वाले है जहाँ पर ऐसे वैज्ञानिक रहते है|
इसमें PM मोदी ने कहा: भारत के हर व्यकित के सपनों को ऊपर ले जाते हुए ऊंचाईयो को छू रहा है ऐसे महत्वपूर्ण वैज्ञानिको समर्पण का प्रणाम है|
लैंडर नीतभार
ये एक तापीय चालकता और तापमान को मापने के लिए सतह पर ताप भौतिकीय का प्रयोग और लैंडिंग साइट के आसपास भूकम्पीयता को मापने के लिए चंद्र भूकंपीय गतिविधिये के ले और प्लाज्मा घनत्व और इसकी गतिविधियों का अनुमान लगाने के लिए लैग्मुइर जाँच करने के लिए किया गया हैं|
लैंडर माडुल
रोवर नीतभार
रोवर नीतभार का प्रयोग लैंडिंग साइट के आसपास उपस्थित मौलिक संरचना प्राप्त करने के लिए अल्फा कण एक्स -रे स्पेक्ट्रोमीटर और लेजर प्रेरित ब्रेक डाउन स्पेक्ट्रोमीटर का उपयोग किया गया है| चंद्रयान 3 में के स्वदेशी लेनदार लैंडर माडुल एलएम, प्रोपल्शन माडुल पीएम और एक रोवर शामिल हैं , जिसका उपदेश मिशनो के लिए आवश्यक नई तकनीकों को विकसित और प्रदर्शित करना है|
रोवर इमेज
Chandrayaan 3 का उपद्देश क्या है ?
- चंद्र की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग को प्रदर्शित करने में मदद करेगा|
- रोवर को चन्द्रमा पर घुमने या भ्रमण को प्रदर्शित करना है|
- ये सब हमारे वैज्ञानिक के प्रयोग से हुआ हैं |
Chandrayaan 3 लैंडर का उपद्देश क्या है ?
- अल्टीमीटर: अल्टीमीटर एक प्रकार के मीटर होता है जो लेजर और आरएफ पर आधारित हैं |
- वेलोसिमीटर: वेलोसीमीटर एक प्रकार का कैमरा होता हैं जो लेजर डापलर पर आधरित हैं |
- जड़त्वीय मापन : ये लेजर गायकों पर आधारित पा मापन करता है|
- प्रणोदन प्रणाली: इस प्रणाली में 800N थ्रॉटलेबल लिक्विड इंजन, 58N एटिट्यूड थ्रस्टर्स और थ्रॉटलेबल इंजन कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक्स का इंजन लगा होता हैं |
- नौवहन, गाइडडेंस and control: ये एकसॉफ्टवेर होता है जो पवार्ड decent Trajectory डिज़ाइन और सॉफ्टवेर के तत्व में मदद करता हैं|
- लैंडर खतरों का पता लगाना और बचाव: लैंडर खतरों का पता लगाना और कैमरा बचाव उपकरण है|
- लैंडिंग लेग तंत्र
Chandrayaan 3 का सामग्री नीचे दिया गया है|
क्र.सं. | प्राचल | विशेष विवरण |
---|---|---|
1. | मिशन लाइफ (लैंडर और रोवर ) | एक चंद्र दिवस (14 पृथ्वी दिवस ) |
2. | लैंडिग साइट | 4 किमी x 2.4 किमी 69.367621द , 32.348126 पू |
3. | विज्ञान नीतभर | लैंगर 1. मून बाउंड हाइपरसेसिटिव आयनोस्फियर और Atmosphare रंभा की रेडियो एनाटामी| 2. चंद्र का सरफेस थर्मो फिजिकल experiment . 3. चंद्र की भूकंपीय गतिविधि के लिए उपकरण(ILSA) 4. लेजर रेट्रो रिफ्लेक्टर रोवर 5. अल्फ़ा कण एक्स -रे 6.लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन 7.निवास योग्य ग्रह पृथ्वी |
4. | दो माडुल विन्यास | 1. प्रणोदन माडुल (लैंडर को चंद्र के कक्षा में प्रवेश ले जाता हैं ) 2.लैंडर माडुल (इसमें रोवर को और लैंडर के अन्दर किया गया हैं |) |
5. | द्रव्यमान | 1. प्रमोदन माडुल: 2148 किग्रा 2. लैंडर माडुल: 26 किलो के रोवर सहित 1752 किलो 3. कुल: 3900 kg |
6. | विद्युत् उत्पादन | 1. प्रमोदन माडुल: 758 W 2. लैंडर माडुल: 758 W WS बायस के साथ 3. रोवर: 50 W |
7. | संचार | 1. प्रमोदन माडुल: IDSN के साथ में सूचित करता हैं| 2. लैंडर माडुल: IDSN और रोवर के साथ में सूचित करता हैं| 3. रोवर: लैंडर के साथ ही संचार करता हैं | |
8. | लैंडर संवेदक | 1. लेजर जड़त्वीय सन्दर्भ और त्वरणमापी पैकेट 2. केए – बैड अल्टीमीटर 3. लैंडर position कैमरा 4. LPDC 5. लेजर अल्टीमीटर 6.लेजर डाप्लर वेलोसिमीटर 7. लैंडर क्षैतिज वेग कैमरा 8.माइक्रो स्टार संवेदक 9.इनकिल्नोमीटर और टचडाउन |
9. | लैंडर एक्ट्यूएटर्स | एक उपकरण हैं जो सिस्टम में जाने वाली ऊर्जा और संकेतो लो परिवर्तित करके गति उत्पन करता हैं: |
10. | लैंडर प्रणोदन प्रणाली | इस प्रणाली से रोवर को control किया जाता है या थ्रॉटलेबल इंजन कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक्स |
11. | लैंडर तंत्र | 1. लैंडर लेग 2. रोवर रैंप 3. रोवर 4. ILSA, रंभा और चैस्ट नीतभार 5. गर्भ नाल संबंधक संरक्षण तंत्र, 6.एक्स- वैंड एंटीना |
12. | लैंडर सतह स्पर्श | 1.लंबवत वेग: < 2 मीटर/ सेकंड 2. क्षैतिज वेग: 0.5 मीटर/ सेकंड ढलान : < 12 deg |
चंद्रयान-3 का उद्देश्य क्या है?
चंद्रयान 3 का मुख्या उद्देश्य है चन्द्रमा की सतह पर सुरक्षित और नरम लैंडिंग को दिखाना| रोवर चन्द्रमा पर घुमने हुए वहा कि इमेज में प्रदर्शित करना|
चंद्रयान-3 में कौन कौन जाएगा?
चंद्रयान 3 में यात्रा करने के लिए दो माडुल हमारे जा रहे है| जिनका नाम,लैंडर का नाम विक्रम और रोवर का नम प्रज्ञान है |
चंद्रयान-3 की स्पीड कितनी है?
Chandrayaan 3 की स्पीड 1627 किमी/घंटा थी, 108 सेकंड के बीतने के बाद 45 किमी की ऊंचाई पर पहुचने के बाद लिक्किद इंजन शुरू हो गया हिया और इस की स्पीड बढ़कर 6437 किलोमीटर प्रति घंटा हो गया है| 62 किलोमीटर की ऊंचाई के बाद बूस्टर रॉकेट से अलग हो गएगा जिसके बाद उसकी स्पीड 7 हजार किमी /घंटा हो गई |
चंद्रयान-3 चाँद पर कब पहुचेंगा है?
Chandrayaan 3 को चाँद तक पहुचने के लिए ,पृथ्वी से चाँद तक की दूरी 3.84 लाख किमी की दूरी तय करनी है, अंतरिक्ष में यान को लैंडर को सॉफ्ट लैडिंग करवाने की तिथि 23 या 24 अगस्त को चाँद पर पहुँचने की उम्मीद है जो चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग की शुरुवात होगी|
चंद्रयान-3 भारत में कहाँ से लाँच किया गया है?
इसरो के आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान 3 को लाँच किया गया है ? इसका मुख्या उपद्देश है चन्द्रमा की खोज में एक दुर्लभ उपलब्धि हासिल करना हिया
चंद्रयान कब लाँच हुआ था?
चंद्रयान को 15 अगस्त 2003 को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चंद्रयान के कार्यक्रम को घोषित किया| 22 अक्टूबर 2008, चंद्रयान 1 को श्रीहरिकोटा के सतीश धावन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ाया गया|
निष्कर्ष/ Conclusion
दोस्तों इस पोस्ट में हमने Chandrayaan 3 के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है ,हम आशा करते है कि यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा| मैंने आपको अधिक से अधिक जानकारी देने की कोशिश किया हैं ताकि आपको कोई और पोस्ट पर जाने के जरुरत न पड़े, और आपका अपने टाइम को बचा सके | यदि इस में कुछ छुट गया हो तो आप हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते है |