What is Delhi Famous Places in Hindi 2025

नमस्कार दोस्तों, आज के इस लेख में हम आपसे बात करने वाले हैं, Delhi Famous Places के बारे में, जब आपका Delhi आने का होता हैं तो लोगो के सामने ये सवाल आते हैं, कि Delhi में हम किस स्थान पर घुमे जिसमे हमें खूब मजा आये| इस लेकिन में हम इसी के बारे बात करने वाले हैं| यदि आप घुमाने के लिए Delhi आ रहे हैं तो आपको इन स्थानों को जरुर से घूमना चाहिए, जो आपको बहुत ही पसंद आएगा| लेकिन उससे पहले हम आपको बता दे की यहाँ पर चोर, जेब कतारों से हमेशा सावधान रहना नहीं तो आपके पास घर वापस जाने के पैसा नहीं रहेंगे|

हमें आपके लिए कुछ ऐसे प्लेस को चुना हैं जो आपको बहुत ही पसंद आयेंगा Delhi Famous Places के बारे में|

Delhi Famous Places हिंदी में 2025

लाल किला/ Red Fort

What is Delhi Famous Places in Hindi 2025

भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किला देश की आन-बान शान और देश की आजादी का प्रतीक हैं| लाल किले का निर्माण की शुरुवात 12 मई 1638 में हुआ और मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने 1648 में पूरा कराया था. जिसका पुराना नाम किला-ए-मुबारक हैं. यह यमुना नदी के किनारे बना हैं और पुराने दिल्ली में स्थित हैं. किला लाल बलुआ पत्थरों से बना हैं, जिसका नाम लाल किला पड़ा|जिसकी कीमत 1648 में करीब एक करोड़ रुपये का खर्च आया था|Delhi Famous Places के बारे में जरुर पढ़े|

लाल किले का असली नाम क्या हैं?

इस किले का असली नाम किला-ए-मुबारक था जिसक नाम बदलकर लाल किला रखा गया|Delhi Famous Places के बारे में जरुर पढ़े|

लाल किला किस पत्थर से बना हैं?

यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, बेहतरीन लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया हैं, जिसका पहले नाम किला-ए-मुबारक के नाम से जाना जाता था|Delhi Famous Places के बारे में जरुर पढ़े|

लाल किले की कीमत कितनी हैं?

1648 में लाल किले को बनवाने में करीब एक करोड़ रुपये का खर्च आया था|Delhi Famous Places के बारे में जरुर पढ़े|

Humayun’s Tomb/ हुमायूँ का मकबरा

हुमायूँ का मकबरा इमारत परिसर मुग़ल वास्तुकला से प्रेरित मकबरा स्मारक हैं. यह नई दिल्ली के दिनापनाह अर्थात पुराने किले के निकट निजामुद्दीन पूर्व क्षेत्र में मथुरा मार्ग के निकट स्थित हैं. मुग़ल वास्तुकला के विकास में एक मील पत्थर हैं, और यह मुग़ल उद्धान मकबरे की योजना का सबसे पुराना नमूना भी प्रस्तुत करता हैं. हुमायूँ का मकबरा मुग़ल सम्राट की मृत्यु के बाद 1569 में बनाया गया था. इसकी शुरुवात हुमायूँ ने 1556 में किया था, जिसको उनके बेगम हमीदा बानू बेगम ने पूरा करवाया था|1993 में इसे यूनेस्को द्वारा संरक्षित घोषित किया गया|Delhi Famous Places के बारे में जरुर पढ़े|

India Gate/ इंडिया गेट

इंडिया गेट नई दिल्ली में स्थित हैं ये लाल बलुआ पत्थर से बना एक स्मारकीय मेहराब हैं, जो 1914 और 1919 के बीच लड़े गए युध्दों में शहीद हुए ब्रिटिश भारत के सैनिको को समर्पित हैं| जिसकी उचाई लगभग 138 फिट (42 मीटर ) हैं यह स्वतंत्र भारत का राष्ट्रीय स्मारक हैं|इसके कुछ बाते निम्म हैं- Delhi Famous Places के बारे में |

 Delhi Famous Places in Hindi 2025
  • इंडिया गेट को मूल रूप से अखिल भारतीय युध्द स्मारक कहा जाता था
  • इसका निर्माण प्रथम विश्व युध्द और अफगान युध्द में शहीद हुए भारतीय सैनिको की यादो में करवाया गया था|
  • इसका डिज़ाइन सर एडविन लुटियंस ने तैयार किया था
  • इंडिया गेट के नीचे अमर जवान ज्योति हैं, जो 1971के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद स्थापित की गई थी|
  • इंडिया गेट के आस पास का क्षेत्र एक प्रमुख पर्यटन स्थल हैं|
  • यहाँ पर हर रात फव्वारे और लाइट शो का आयोजन होता हैं|Delhi Famous Places के बारे|

Lotus Temple / लोटस टेम्पल – Delhi Famous Places in Hindi 2025

Lotus Temple दिल्ली में नहीं पूरी दुनिया में भी लोटस टेम्पल के नाम से जाना जाता हैं| इसकी उद्घाटन 24 दिसम्बर 1986 में हुआ था, लेकिन आम जनता के लिए, 1 जनवरी 1987 को खोला गया था. इसका डिज़ाइन बहाई लोटस मंदिर को ईरानी वास्तुकार फरिबोर्ज साहब ने कमल के रूप आकार डिज़ाइन किया हैं| इसकी खास पट हैं कि इसमें सभी धर्म के लोग आ जा सकते हैं|इसमें एक साथ 2000 लोग इसके अन्दर बैठ सकते हैं| इसमें किसी भी देवी देवा की मूर्ति नहीं हैं इसमें अभी अपने धर्म में प्रार्थना कर सकते हैं|Delhi Famous Places के बारे में|

इसकी मंदिर में चार कुंड हैं जिसमें जल हमेशा बहता रहता हैं. मंदिर की ऊँचाई 20 फिट हैं जिस तक पहुँचाने के लिए सीढ़िया बनी हैं. इसमे कमल के 27 पंखुड़िया हैं, बहाई मंदिर में व्यापक गोलाकार गुंबद मौजूद हैं और दिल्ली में लोटस टेम्पल दुनिया के खुबसूरत पूजा स्थलों में से एक हैं|Delhi Famous Places के बारे में |

Akshardham/ अक्षरधाम

आज हम नई दिल्ली में स्थित अक्षरधाम की बात करने वाले हैं जो हजारों वर्षो की सांस्कृतिक विरासत को ऊजागर करता हैं यहाँ भगवान स्वामीनारायण (1781 – 1830) श्रध्दांजलि हैं जहाँ पर हिन्दू धर्म के देवता और महान संत हैं| जिसके निर्माण में लगभग 5 साल का समय लग गया हैं इसक उद्घाटन 6 नवम्बर 2005 को किया गया था. जो यमुना नदी के किनारे स्थित हैं|Delhi Famous Places के बारे में |

अक्षरधाम दो शब्दों से मिल कर बन हैं अक्षर और धाम से हैं, अक्षर का अर्थ हैं अनन्त और धाम का अर्थ हैं निवास| जहाँ पर परमात्मा निवास करते हैं जैसे आप धाम के अन्दर जाने लगेंगे, तभी आपको भगवान स्वामीनारायण की 11 फिट की देखने को मिलेगा| यहाँ पर दुनिया भर के पर्यटक आते हैं घूमने के लिए, पर्यटक के लिए किए बहुत ही अच्छी जगह हैं|Delhi Famous Places के बारे में |

Gurudwara Bangla Sahib/ गुरुद्वारा बंगला साहिब

दिल्ली का गुरुद्वारा बंगला साहिब देश के सबसे बड़े सिख तीर्थस्थल में से एक हैं जिसक निर्माण 1783 में सिख जरनल सरदार भगेल सिंह ने इस गुरूद्वारे का निर्माण करवाया था कहा जाता हैं कि यह गुरुद्वारा मूल रूप से जयपुर के महाराजा जय सिंह क बंगला था, जिसे सिखों के आठवों गुरु, गुरु हर किशन सिंह को रहने के लिए दे दिया था उस समय चेचक और हैजा जैसी बीमारी फैली हुई थी|Delhi Famous Places के बारे में |

जिसका इलाज के लिए राजा जय सिंह ने कुँए के ऊपर तालाब बनवाया था जिससे बीमारी को ठीक हो जाती थी|बाद में गुरु हर किशन सिंह भी चेचक की बीमारी होने के कारण मौत हो गई, इनकी मृत्यु के बाद इसे सिखों ने गुरूद्वारे में बदल दिया|इस गुरूद्वारे में एक प्रार्थना कक्ष, अस्पताल, स्कूल ,सग्रहालय भी हैं ये गुरुद्वारा सिखों और हिन्दुओ का पवित्र स्थान हैं|Delhi Famous Places के बारे में |

Jama Masjid/ जमा मस्जिद -Delhi Famous Places के बारे में |

दिल्ली में स्थित जमा मस्जिद का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने 6 अक्टूबर 1650 को रखा गया था,ये दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद हैं|जामा मस्जिद का असली नाम मस्जिद-ए-जहां नुमा हैं जिसका मतलब हैं मस्जिद जो पूरी दुनिया का नजरिया दे| इसके निर्माण में लगभग 6 साल का समय लगा था, जिसमे उस समय लगभग 10 लाख रूपये लगे थे इसमें बलुआ पत्थर और सफ़ेद संगमरमर से सजाया गया हैं|Delhi Famous Places के बारे में |

इसमें उत्तर और दक्षिण से प्रवेश द्वार हैं|उत्तर द्वार शुक्रवार को खुला रहता हैं इसमें 11 मेहराब हैं बीच वाला सबसे बड़ा हैं इस मस्जिद में बने गुंबदो को सफ़ेद और काले सगमरमर से सजाया गया हैं| इस मस्जिद में पहला नमाज 25 जुलाई 1657 ईद-उल-जुहा पर पढ़ी गई थी|Delhi Famous Places के बारे में |

Lodhi Garden/ लोधी गार्डन

लोधी गार्डन की शुरुवात 1444 ईस्वी में हुआ हैं इस समय सैय्यद राजवंश के अंतिम शासक अलाउद्दीन आलम शाह ने अपने पिता मोहम्मद शाह का मकबरा बनवाया था, लोधी गार्डन में सिकंदर लोधी का मकबरा 1517 ईस्वी में उनके बेटे इब्राहिम लोधी ने बनवाया|कुछ समय बाद इन कब्रों के आस- पास गाँव बस गया.

फिर 1936 में, ब्रिटिश शासनकाल में मार्क्स आफ विलिंगडन की पत्नी लेडी विलिंगडन ने गाँवो को हटाकर बगीचा बना दिया|इस बगीचे का उद्घाटन 1936 में लेडी विलिंगडन पार्क के बाद से किया गया|आजादी के बाद इसका नाम बदलाकर लोधी गार्डन कर दिया गया हैं | ये टूरिस्ट के लिए बहुत ही अच्छी जगह हैं|Delhi Famous Places के बारे में |

Jantar Mantar/जंतर मंतर

जंतर मंतर को शुरू से जानने के लिए हमें 300 साल पीछे जाना पड़ेगा, इसक निर्माण जयपुर के राजा जय सिंह द्वितीय ने 1724 में करवाया था| राजा जयसिंह से दिल्ली में ही नहीं, इसके अलावा जयपुर, मथुरा, उज्जैन और वाराणसी में भी बनवाया था| असल में इसको बनवाने के पीछे एक छोटी सी घटना हैं|

उस समय हिन्दू और मुस्लिम खगोल शास्त्रियों के बीच गृहों की स्थिति को लेकर बहस चला रही थी. इस बहस को शांत करने के लिए राजा जयसिंह ने जंतर-मंतर का निर्माण करवाया था आपको जानकर बहुत ख़ुशी होगी कि जयपुर का जंतर मंतर को साल 2010 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया हैं |इस खुलने का समय सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक हैं इसमें प्रवेश करने के लिए 25 शुल्क देना होगा|Delhi Famous Places के बारे में |

National Museum/ राष्ट्रीय संग्रहालय– Delhi Famous Places के बारे में |

राष्ट्रीय संग्रहालय की स्थापना का खाक मौरिस ग्वायर समिति ने मई 1946 में तैयार किया था, इसका उध्दाटन 15 अगस्त 1949 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जरनल श्री आर.सी. राजगोपालाचारी ने राष्ट्रपति भवन में किया था| इसका आधार शिला 12 मई 1955 को भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी|

भवन के पहले चरण का उध्दाटन 18 मई 1960 को भारत के उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने किया था. भवन का दूसरा चरण 1989 पूरा हुआ था, इस राष्ट्रीय संग्रहालय में भारतीय और विदेशी दोनों मिलकर लगभग 2,00,000 वस्तुए हैं और इसमें लगभग 6,000 पुस्तके हैं| Delhi Famous Places के बारे में |

Dilli Haat/ दिल्ली हाट

दोस्तों बात करते हैं दिल्ली हाट की, जैसे की हमारे भारत में 28 state और 8 यूनियन territoriesहैं, लेकिन दिल्ली हाट में आपको सभी state के कल्चर देखने को मिल जायेंगे, यहाँ पर लोग इसलिए घुमाने आते हैं कि यहाँ पर सभी state के कल्चर एक साथ देख सके| इसमें आपको एंट्री फीस 20 पर लोग हैं|दोस्तों अगर आप दिल्ली आते हैं तो आपको जरुर दिल्ली हाट घुमाना चाहिए|Delhi Famous Places के बारे में |

Purana Quila/ पुराना किला

दिल्ली का पुराना किला ऐतिहासिक जगहों में से एक हैं|जो दुनिया का सबसे बड़ा किला है| जहाँ पर बहुत से पर्यटक घुमाने के लिए आते हैं|इस इमारत का निर्माण शूरी वंश के सम्राट शेरशाह शूरी ने 1540 से 1545 के बीच करवा था| जो किसी समय पंचो पांडवो की राजधानी थी|ये वाही किला हैं जहाँ पर सीढियों से गिर का हुमायूँ की मृत्यु हुई थी|

ये किला तीन मेहराब से घिरा प्रवेश द्वार हैं जिसमे पक्षिम में बड़ा दरवाजा ,दक्षिण में हुमायूँ का द्वार हैं यह किला लगभग 2 किलो मीटर की परिधि में फैला हुआ हैं| लोग बताए हैं कि इसका असली नाम शेर का किला था कहा जाता हैं कि कुंती देवी ने एक मंदिर का निर्माण करवाया था इसलिए यहाँ पर पंचो पांडवो रहने आये थे|Delhi Famous Places के बारे में |

यदि आप भी पुराना किला घुमने के बारे में सोच रहे हैं तो आप यहाँ साल के किसी भी दिन घुमाने जा सकते हैं लेकिन अक्टूबर से अप्रैल घुमाने का बहुत अच्छा समय रहता हैं| सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक आप घूम सकते हैं| भारतीय पर्यटकों के लिए शुल्क 5 रूपये और विदेशी के लिए 100 रुपये हैं| Delhi Famous Places के बारे में |

Qutub Minar/ क़ुतुब मीनार

दोस्तों आज हम आपसे दुनिया के सबसे बड़े इमारत की बात करने वाले हैं जिसे ईटों से तरसा गया हैं ये ऐतिहासिक इंडो इस्लामिक आर्किटेक्चर बेहतरीन नमूनों में आती हैं|क़ुतुब मीनार की निर्माण 1199 से 1220 में किया गया था, ऐसे शानदार इमारत की शुरुवात क़ुतुबदीन-ऐबक ने की थी|

लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उनके उत्तर अधिकारी इल्तुतमिश ने इस मीनार का निर्माण का कार्य पूरा किया| क़ुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर(लगभग 237 फूट) हैं इसमें करीब 379 सीढ़िया हैं जो आपको मीनार के ऊपर लेकर जाती हैं हालांकि की उस दौरान इमारत का दरवाजा खुला था जिसे देखने लोग अन्दर जाते थे|

क़ुतुब मीनार के आस पास बहुत से ऐसे खुबसूरत चीजे बनाई गई हैं जैसेकि- कुव्वत-उल-इस्माल मस्जिद, इल्तुतमिश की कब्र, अलाई मीनार, अलाउदीन का मदरसा, कब्र आदि|साल 1974 में आम लोगो को क़ुतुब मीनार के अंदर जाने की अनुमति थी, लेकिन 4 दिसम्बर 1981 में लोगो के साथ भयानक हादसा हुआ जिसमे 45 लोगो की मौत हो गई, तभी से अन्दर जाना बंद कर दिया गया|

यदि आप दिल्ली आते हैं तो आपको क़ुतुब मीनार जरुर घूमना चाहिए, जहाँ पर दुनिया की सबसे बड़ी इमारत देखने को मिलेगी| पर्यटकों के लिए बहुत ही खुबसूरत जगह हैं ये सुबह 7 बजे से 5 बजे तक खुला रहता हैं इसमे घुमाने का शुल्क भारतीय के लिए 40 रुपये और विदेशी के लिए 500 रूपये हैं|Delhi Famous Places के बारे में |

National Rail Museum/ राष्ट्रीय रेल संग्रहालय

दिल्ली के नेशनल रेल म्यूजियम में देशभर से रेलवे के विरासत को सहेज कर रखा गया हैं| इसलिए मनोरंजन के साथ-साथ शिक्षा केंद्र भी हैं|18 मई को अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस भी मनाया जाता हैं| 7 अक्टूबर 1971 को तत्कालीन राष्ट्रपति वीवी गिरी ने नेशनल म्यूजियम की आधारशिला रखी थी, 1 फ़रवरी 1977 को तत्कालीन रेल मंत्री कमलापति त्रिपाठी ने नेशनल रेल म्यूजियम का उद्घाटन किया था.

नेशनल रेल म्यूजियम में पुरे देश के रेलवे से हेरिटेज इम्पोर्टेन्ट चीजो को ला कर रखा गया हैं इसमें रोज लगभग 1000 लोग आते हैं, यहाँ पर टाय ट्रेन, रेस्टोरेंट भी उपलब्ध हैं|Delhi Famous Places के बारे में |

Rashtrapati Bhavan/ राष्ट्रपति भवन

जब बात आती हैं राष्ट्रपति भवन की, जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं|चलो आज हम उस भवन से जुडी कुछ खास बात बताने वाले हैं|दोस्तों भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन का निर्माण 1912 से 1929 के बीच हुआ था इसका भवन का डिज़ाइन ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस ने तैयार किया था. राष्ट्रपति भवन दुनिया के सबसे बड़े राष्ट्रपति भवन में से एक हैं|

राष्ट्रपति भवन के निर्माण के लिए, चुनी गई जमीन की चट्टानी पहडियो के विस्फोट से तोड़ा गया था इस भवन के निर्माण लिए सामग्री ले जाने के लिए रेलवे लाइन बिछाई गई थी, इसके निर्माण में 17 साल का समय लगा था, एडविन लुटियंस का मानना था कि यह भवन आने वाले शताब्दियों तक खड़ा रहे|

भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद 26 जनवरी 1950 से 13 मई 1962 तक राष्ट्रपति पद पर तैनात थे वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपती मुर्मू 25 जुलाई 2022 को राष्ट्रपति बनी| जो भारत की 15 वो राष्ट्रपति हैं जो उड़ीसा की रहने वाली हैं आदिवासी संथाली से आती हैं|Delhi Famous Places के बारे में |

Agrasen ki Baoli/ अग्रसेन की बावली

दोस्तों वैसे तो दिल्ली में आपको बहुत कुछ देखने को मिलेगा, लेकिन अग्रसेन की बावली की एक अलग की बात हैं, इसके कुछ खास बातो के बारे में हम आपको बताने वाले हैं| इसकी सुन्दरता और देहाती आकर्षण लोगों को चौकने पर मजबूर कर देती हैं| इसकी भुतिया कहानी और भी डेरा देती हैं ये भारत के दर्शनीय स्थलों में से एक हैं|

कहा जाता हैं कि इसका निर्माण महाभारत के दौरान महाराजा अग्रसेन ने करवाया था| इसलिए इसका नाम बावड़ी या बावली पड़ा था, बाद में, 14 शताब्दी में, इसे अग्रवाल समुदाय के लोगो ने इसे फिर से बनाया| इसका पुनर्निर्माण तुगलक वंश(1321 – 1414) या लोधी वंश (1451 – 1526) के दिल्ली पर शासन के दौरान किया गया था|

Sunder Nursery/ सुंदर नर्सरी

देश की राजधानी दिल्ली में स्थित सुन्दर नर्सरी आकर्षण केंद्र बन गया हैं, कभी ये जमीन बंजर हुआ करती थी, सोलहंवी शताब्दी में मुगलों ने इस जमीन को योजना बध्द तरीके से हरा -भरा बनाया|फिर अंग्रेजो ने इस सिलसिले को आगे बढ़ाया| ये सुन्दर नर्सरी दिल्ली शहर के बीच में स्थित हैं इस पार्क में लगभग 20 ऐतिहासिक स्मारक, 300 पेड़ो की प्रजातियाँ, 100 पक्षियों की प्रजातियाँ, 40 तितलियों की प्रजातियाँ, 2 एम्फीथिएटर, एक बोन्साई का बाड़ा और एक मोर के रहने का क्षेत्र सहित बहुत कुछ हैं|

इस नर्सरी का इतिहास पुराना हैं इसे 16वीं में मुगलों ने अजीम बाग़ के नाम से बनाया था| फिर इसको विस्तार दिया अंग्रेजो ने|सन 1923 में दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों के दुर्भल पौधे यहाँ लाकर लगाए इसलिए बहुत अच्छा लगता हैं|

Safdarijung Tomb/ सफदरजंग मकबरा

सफ़दर जंग का नाम सुनते सबसे पहले दिल्ली में स्थित एअरपोर्ट और अस्पताल आता हैं|सफ़दर जंग ईरान(फारस) के मूल निवासी थे जो जन्म से कुछ समय बाद भारत आ गए थे, सफ़दर जंग का पूरा नाम अबुल मंसूर मिर्जा मुहम्मद मुकीम अली खान था.मुलग बादशाह मोहम्मद शाह ने उन्हें सफ़दर जंग की उपाधी दी थी मोहम्मद शाह के शासन में (1719 – 48) की अवध के सूबेदार बने|

एक युध्द के बाद साल 1753 में सफ़दर जंग को दिल्ली से बाहर निकाल दिया गया था|उसके कुछ समय के बाद सफ़दर जंग की मौत 1754 में सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश में हुई|सफ़दर जंग की मृत्यु के बाद उनके बेटे शुजा-उद-दौला ने समय के मुग़ल सम्राट से दिल्ली में अपने पिता के लिए एक मकबरा बनाने की अनुमति ली थी, जिसके बाद उन्होंने सफ़दर जंग मकबरा का निर्माण करवाया था.

ये मकबरा का निर्माण भूरा, पीला और लाल बलुआ पथ्थरो से किया गया हैं. मकबरे के तीन तरफ एक जैसे दिखने वाले तीन अलग-अलग महल हैं- जंगली महल, बादशाह पसंद और मोती महल, तीनो महल उत्तर मुग़ल कालीन वास्तुशैली में बने हैं|

Conclusion/निष्कर्ष

दोस्तों हम आशा करते हैं कि ये लेख आपको पसंद आया होगा, इसमें हमने दिल्ली के सभी फेमस प्लेस के बारे में बात किया हैं|इस पोस्ट में हमने दिल्ली के सभी स्थानों को लगभग कबर किया हैं| यदि आप कभी भी दिल्ली घुमाने जाते हैं तो आपको इस सभी स्थानों को घुमे बिना ना आये| इस लेख में इन सभी के बारे में जो प्राइमरी जानकारी हैं जो लोग अकसर पूछते हैं| उनको आसानी से जबाब दे सकते हैं| इस जगह पर घूम कर आपको बहुत ही मजा आएगा| मैं आपका अपना दोस्त धर्मराज/Dharamraj|