उत्लतरखंड राज्य के देहरादून जिले में स्थित लक्ष्मण झूला हैं, लक्ष्मण झूला का उपयोग नदी को पर करने के लिए लक्ष्मण ने बनाया था जो जूट की रस्कसियों से बनाया गया था यह झूला सन १८८९ में कलकत्ता के सेठ सूरजमल झुहानूबल ने लोहे के तार से बनया था लेकिन लोहे के तार से बनया पुल सन १९२४ की बाढ़ में बह गया| इसके बाद सन १९२७ में एक बार फिर इसकी नयी नींव बनाई गई और 3 साल बाद ११ अप्रैल १९३० में यह पुल बनकर तैयार हो गया था|
महत्पूर्ण जानकारी
- ऋषिकेश से ५ किमी आगे एक झूला हैं जिसे लक्ष्मण झूला के नाम से जाना जाता हैं |
- लक्ष्मण झूला लोहे के मजबूत रस्सो से बना एंगलों, चादरों आदि से बंधा व कसा लक्ष्मण झूला (पुल) गंगा के प्रवाह से ७० फिट ऊँचा है|
- गंगा नदी के एक किनारे से दुसरे किनारे को जोड़ता हैं जो इसकी खास पहचान हैं|
- पूर्व में यह झूला लक्ष्मण के द्वारा बनाया गया था कालांतर में सन १९३९ में इसे नया स्वरूप दिया गया|
- यह झूला ४५० फीट लंबा तथा लक्ष्मण झूले के समीप रघुनाथ मंदिर हैं |
- लक्ष्मण झूले पर जब सब लोग चलते हैं तो बहुत सुंदर प्रतीत होता हैं|